June 14, 2025

Farooq Abdullah का अमरनाथ यात्रा पर बयान: “भोलेनाथ आपका इंतजार कर रहे हैं, वादी आइए और खूबसूरती देखिए”

Farooq Abdullah का अमरनाथ यात्रा पर बयान: “भोलेनाथ आपका इंतजार कर रहे हैं, वादी आइए और खूबसूरती देखिए”

श्रीनगर, 27 मई 2025 — जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने पर्यटकों और तीर्थयात्रियों से कश्मीर घाटी आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि “यहां सिर्फ हम ही नहीं, भोलेनाथ भी आपका इंतजार कर रहे हैं।” उन्होंने अमरनाथ यात्रा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इस साल अधिक से अधिक लोग यात्रा पर आएं और वादी की खूबसूरती का आनंद लें।


🛕 “अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है, आइए और घाटी की सुंदरता देखिए”

फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम में गोल्फ खेलते हुए मीडिया से बातचीत में कहा:

“अमरनाथ यात्रा होने वाली है। जितने हो सके, उतने लोग आइए। चारों दिशाओं से आइए। जब आप घर लौटेंगे, तो अपने अनुभव साझा करेंगे कि यहां कितनी खूबसूरत वादी है और कैसे लोग आपका स्वागत करने को तैयार हैं।”


💬 पर्यटन से आगे की सोचने की जरूरत: अब्दुल्ला

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि राज्य को केवल पर्यटन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए:

“अगर राज्य को आगे बढ़ाना है, तो हमें ऐसे उद्योगों की ओर बढ़ना होगा जो स्थायी रोज़गार दे सकें। टूरिज्म में ये दिक्कत है कि अगर कहीं एक गोली चल जाए, तो पर्यटक डरकर भाग जाते हैं। करगिल के समय यही हुआ।”

अब्दुल्ला ने कहा कि कई लोगों ने अपने होटल और टैक्सी सेवाओं में निवेश किया, लेकिन जब कोई हिंसा होती है, तो उनकी मेहनत मिट्टी में मिल जाती है।


🕊️ “हम अमन चाहते हैं, कत्ल नहीं”

पहलगाम हमले पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा:

“हमें अफसोस है जो कुछ हुआ। लेकिन हमने नहीं किया। इन दरिंदों को ये नहीं दिखा कि इन मासूमों का क्या होगा। इनके पास अल्लाह के सिवा कुछ नहीं। ये वादी ही इनकी रोज़ी-रोटी है।”

प्रधानमंत्री द्वारा पाकिस्तान को लेकर भेजे गए प्रतिनिधिमंडल पर प्रतिक्रिया देते हुए अब्दुल्ला ने कहा:

“अल्लाह करे ये प्रतिनिधि शांति का संदेश लेकर जाएं। हम लड़ाई नहीं चाहते, बस बेकसूरों की हत्या बंद होनी चाहिए।


📢 अब्दुल्ला की अपील: वादी आइए, अमरनाथ यात्रा कीजिए

फारूक अब्दुल्ला ने पूरे देशवासियों से अपील की कि वे भय के माहौल में न आएं। कश्मीरवासी और भोलेनाथ दोनों आपका स्वागत करने को तैयार हैं। घाटी को जानिए, समझिए और समर्थन दीजिए।

About The Author