पटना, बिहार | 8 जून 2025:
बिहार की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। चर्चित यूट्यूबर और सामाजिक कार्यकर्ता से नेता बने मनीष कश्यप ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से अपना इस्तीफा दे दिया है। बिहार चुनावों से पहले आया उनका यह फैसला कई राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है।
🔹 क्यों दिया इस्तीफा?
मनीष कश्यप ने इस्तीफे की घोषणा सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश के माध्यम से की। अपने बयान में उन्होंने कहा:
“मैंने राजनीति में जनता की आवाज़ बनने के लिए कदम रखा था, लेकिन बीजेपी में मुझे केवल चुप रहने को कहा गया। ऐसे में मैं अब उस रास्ते पर नहीं चल सकता जो मुझे मेरी ज़मीर से दूर ले जाए।”
उन्होंने इशारों में यह भी कहा कि पार्टी नेतृत्व जमीनी मुद्दों से कट गया है और युवाओं की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
🔹 भाजपा के लिए झटका, युवाओं में असर
मनीष कश्यप ने पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया और जन आंदोलनों के ज़रिए बिहार के युवाओं के बीच खासा प्रभाव बनाया है। उन्हें “युवा जागरण का चेहरा” भी कहा जाता है। उनका बीजेपी छोड़ना पार्टी के लिए एक छवि और जनाधार दोनों के स्तर पर नुकसान की तरह देखा जा रहा है।
विशेषकर सीमांचल और मिथिलांचल क्षेत्र में उनके फॉलोअर्स की संख्या लाखों में है, और ये वही क्षेत्र हैं जहां भाजपा को मजबूती की जरूरत थी।
🔹 अगला कदम क्या?
मनीष कश्यप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होंगे या अपनी स्वतंत्र पार्टी बनाएंगे। लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि:
“मैं राजनीति नहीं छोड़ रहा, बल्कि सही राजनीति करने जा रहा हूं। आने वाले दिनों में बिहार की जनता को एक नया विकल्प दूंगा।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कश्यप यदि खुद की पार्टी बनाते हैं, तो BJP और विपक्ष दोनों के वोटबैंक में सेंध लगा सकते हैं, खासकर पहली बार वोट देने वाले युवाओं के बीच।
🔚 निष्कर्ष:
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मनीष कश्यप का बीजेपी से इस्तीफा एक प्रतीकात्मक विद्रोह है, जो इस बात का संकेत देता है कि पारंपरिक राजनीति से असंतुष्ट युवा नेता अब नए मंच तलाश रहे हैं। आने वाले हफ्तों में यह देखना दिलचस्प होगा कि मनीष किस ओर रुख करते हैं और बिहार की राजनीति को कैसे प्रभावित करते हैं।
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