June 14, 2025

चिराग पासवान लड़ेंगे बिहार विधानसभा चुनाव? एलजेपी-आरवी करा रही है सर्वे, खुद चिराग ने क्या कहा?

चिराग पासवान लड़ेंगे बिहार विधानसभा चुनाव? एलजेपी-आरवी करा रही है सर्वे, खुद चिराग ने क्या कहा?

पटना: बिहार की सियासत में एक बड़ा सवाल इन दिनों तेजी से तैर रहा है — क्या लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में खुद मैदान में उतरेंगे? इस सवाल पर सियासी गलियारों में चर्चाएं गर्म हैं। खुद चिराग पासवान के बयानों और पार्टी के भीतर मंथन के बाद अब इस संभावना को बल मिलने लगा है।


🔍 एलजेपी (रामविलास) करा रही सर्वे

सूत्रों के अनुसार, एलजेपी (रामविलास) ने राज्य के कई विधानसभा क्षेत्रों में सर्वे और फीडबैक प्रोसेस शुरू किया है, ताकि यह तय किया जा सके कि पार्टी किन सीटों पर लड़ सकती है और चिराग पासवान के चुनाव लड़ने के लिए कौन सी सीट सबसे अनुकूल रहेगी। पार्टी इस बार एनडीए का हिस्सा होते हुए भी अपनी स्वतंत्र पहचान के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है।


🗣️ चिराग पासवान ने क्या कहा?

चिराग पासवान ने मीडिया से बातचीत में कहा,

“हमारी पार्टी की योजना बिहार विधानसभा चुनावों में मजबूती से उतरने की है। हम एनडीए का हिस्सा जरूर हैं लेकिन हमारा एजेंडा बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट रहेगा।”

हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर अपने चुनाव लड़ने की घोषणा नहीं की, लेकिन उनके बयानों से यह स्पष्ट हो गया है कि वे राजनीतिक रूप से विधानसभा चुनावों में एक्टिव भूमिका निभाने जा रहे हैं।


👤 चिराग के जीजा के बयान से अटकलें तेज़

हाल ही में जमुई से सांसद और चिराग पासवान के जीजा अरुण भारती ने बयान दिया कि चिराग को विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए और यदि वे जीतते हैं तो वे उपमुख्यमंत्री की दौड़ में अहम चेहरा बन सकते हैं। उनके इस बयान से कयास और तेज़ हो गए कि चिराग खुद चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।


🗳️ बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव संभव?

अगर चिराग पासवान विधानसभा चुनाव लड़ते हैं और जीत दर्ज करते हैं, तो यह बिहार की राजनीति में एक नया समीकरण गढ़ सकता है। इससे न सिर्फ उनकी पार्टी को एक स्थायी आधार मिलेगा, बल्कि वे राज्य की सत्ता की दौड़ में भी निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।


📌 निष्कर्ष:

चिराग पासवान का विधानसभा चुनाव लड़ना अभी तक आधिकारिक रूप से घोषित नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी की तैयारियों, सर्वे, और नेताओं के बयानों को देखते हुए यह कयास लगाया जा सकता है कि वह जल्द ही चुनावी मैदान में उतरने का फैसला ले सकते हैं।

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