June 15, 2025

E-Zero FIR: भारत में साइबर अपराधों से निपटने के लिए नई पहल

भारत सरकार ने हाल ही में साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने और ऑनलाइन धोखाधड़ी की जांच में तेजी लाने के लिए एक नई सेवा, E-Zero FIR (ई-जीरो एफआईआर) की शुरुआत की है। इस नई प्रणाली का उद्देश्य साइबर अपराधों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करना और जांच की प्रक्रिया को सरल बनाना है। फिलहाल, इसे दिल्ली में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है, और भविष्य में इसे पूरे देश में लागू करने की योजना है।

क्या है E-Zero FIR?

E-Zero FIR एक नई प्रणाली है जिसके तहत यदि कोई व्यक्ति 10 लाख रुपये या उससे अधिक की साइबर वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार होता है, तो उसकी शिकायत को सीधे एफआईआर में बदला जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि शिकायतकर्ता को पुलिस थाने जाने की आवश्यकता न पड़े, और उनका मामला तुरंत एफआईआर के रूप में दर्ज हो सके। इस पहल से शिकायतों की तुरंत जांच हो सकेगी और अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई संभव हो पाएगी।

कैसे काम करेगा यह सिस्टम?

ई-जीरो एफआईआर प्रणाली के तहत, साइबर अपराध से संबंधित किसी भी धोखाधड़ी की शिकायत, यदि वह 10 लाख रुपये से अधिक की हो, तो उसे सीधे एफआईआर में बदल दिया जाएगा। यह प्रक्रिया सरल और प्रभावी है। शिकायतकर्ता हेल्पलाइन नंबर 1930 या नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) का उपयोग कर अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है। एक बार शिकायत दर्ज हो जाने के बाद, पुलिस तुरंत जांच शुरू कर देगी, जिससे किसी भी संभावित साइबर अपराधी को पकड़ने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पहल के बारे में कहा, “यह प्रणाली साइबर अपराधों के खिलाफ कार्रवाई और जांच प्रक्रिया को तेज़ बनाएगी। अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने के लिए यह एक अहम कदम है।” उन्होंने यह भी बताया कि यह कदम “साइबर सुरक्षित भारत” की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

आने वाले समय में इस पहल को पूरे भारत में लागू किया जाएगा, ताकि साइबर अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा सके और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से समाधान मिल सके।

E-Zero FIR की प्रमुख विशेषताएँ:

  1. स्वचालित एफआईआर प्रक्रिया: यदि साइबर धोखाधड़ी की शिकायत 10 लाख रुपये से अधिक की होती है, तो यह खुद-ब-खुद एफआईआर में बदल जाएगी।

  2. तेज और प्रभावी जांच: इस प्रणाली के तहत जांच प्रक्रिया त्वरित होगी और अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जा सकेगी।

  3. बिना पुलिस स्टेशन जाए एफआईआर: शिकायतकर्ता अब पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है। वे ऑनलाइन हेल्पलाइन या NCRP पोर्टल के जरिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

  4. साइबर अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई: यह प्रणाली साइबर अपराधियों को पकड़ने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में मदद करेगी, जिससे ऑनलाइन धोखाधड़ी को नियंत्रित किया जा सकेगा।

सरकार का उद्देश्य

सरकार का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराधों के खिलाफ त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करना है। E-Zero FIR पहल से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि साइबर अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। यह प्रणाली साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाएगी, जिससे अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी और सजा दिलाने की प्रक्रिया को तेज़ किया जा सकेगा।

भविष्य में विस्तारण

हालांकि वर्तमान में E-Zero FIR प्रणाली दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है, लेकिन सरकार का उद्देश्य इसे जल्द ही पूरे देश में लागू करना है। इस पहल से यह सुनिश्चित होगा कि साइबर अपराधी किसी भी हालत में बच नहीं पाएंगे और डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों को समय पर निपटाया जाएगा। यह कदम डिजिटल भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, क्योंकि ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

निष्कर्ष

E-Zero FIR प्रणाली भारत में साइबर अपराधों के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बनाएगी। यह नई पहल न केवल जांच प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाएगी, बल्कि साइबर अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। आने वाले समय में जब यह प्रणाली पूरे देश में लागू हो जाएगी, तो यह साइबर सुरक्षित भारत बनाने के रास्ते को और सुगम बना देगी।

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