June 14, 2025

Govt Notice Over Dark Pattern: Zepto, Uber, Ola और अन्य 11 कंपनियों को नोटिस, उपभोक्ताओं को गुमराह करने का आरोप

Govt Notice Over Dark Pattern: Zepto, Uber, Ola और अन्य 11 कंपनियों को नोटिस, उपभोक्ताओं को गुमराह करने का आरोप

नई दिल्ली: भारत सरकार ने Zepto, Uber, Ola, Rapido समेत 11 बड़ी कंपनियों को “डार्क पैटर्न” के इस्तेमाल को लेकर नोटिस जारी किया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का कहना है कि ये कंपनियां ऐसे भ्रामक डिज़ाइन तकनीकों का इस्तेमाल कर रही हैं जिससे उपभोक्ता अनजाने में गलत निर्णय लेने को मजबूर हो रहे हैं।


💡 क्या है ‘डार्क पैटर्न’?

डार्क पैटर्न डिज़ाइन की वह रणनीति होती है, जो उपयोगकर्ता को भ्रमित करके अनचाहे फैसले लेने पर मजबूर करती है। इनमें शामिल हैं:

  • बिना सूचना दिए उत्पाद को कार्ट में जोड़ना

  • “अब नहीं” जैसे विकल्पों को नकारात्मक तरीके से पेश करना

  • छिपे हुए चार्जेज

  • झूठे अलर्ट जैसे “सिर्फ 1 यूनिट बची है”

इस तरह के डिज़ाइन तत्व यूज़र की मर्जी को प्रभावित करते हैं, जो उपभोक्ता संरक्षण नियमों का उल्लंघन है।


📋 कंपनियों को मिला सरकार का अल्टीमेटम

उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कंपनियों को अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की ऑडिट करनी होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं डार्क पैटर्न का प्रयोग तो नहीं हो रहा। यह ऑडिट रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी।

मंत्रालय अब तक 13 प्रकार के डार्क पैटर्न्स को पहचान चुका है, जिन पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।


⚠️ अगर कंपनियों ने बात नहीं मानी तो…?

अगर कंपनियां इन भ्रामक तरीकों को नहीं रोकतीं, तो सरकार की तरफ से CCPA (Central Consumer Protection Authority) कार्रवाई कर सकती है, जिसमें शामिल हैं:

  • भारी जुर्माना

  • कंपनी संचालन पर प्रतिबंध

  • कानूनी प्रक्रिया के तहत दंडात्मक कार्रवाई


🤝 Joint Task Force का गठन

उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार एक संयुक्त कार्य समूह (Joint Task Force) का गठन कर रही है, जिसमें शामिल होंगे:

  • सरकारी अधिकारी

  • टेक कंपनियों के प्रतिनिधि

  • उपभोक्ता हित संगठन

इस टास्क फोर्स का उद्देश्य होगा डार्क पैटर्न्स की निगरानी और उनका उन्मूलन, साथ ही Ethical UX Design Practices को बढ़ावा देना।


📌 निष्कर्ष

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए यह कदम बेहद अहम है। ‘डार्क पैटर्न्स’ जैसी भ्रामक रणनीतियों को रोकने के लिए सरकार का यह एक निर्णायक कदम है, जिससे आने वाले समय में डिजिटल खरीदारी और सेवा अनुभव अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बन सकेगा।

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