June 15, 2025

ग्लोबल मिशन से लौटा भारतीय संसदीय दल, बैजयंत पांडा और ओवैसी ने पाकिस्तान को लेकर दिए सख्त संदेश

ग्लोबल मिशन से लौटा भारतीय संसदीय दल, बैजयंत पांडा और ओवैसी ने पाकिस्तान को लेकर दिए सख्त संदेश

नई दिल्ली, 4 जून 2025 — भारत का बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें भाजपा नेता बैजयंत पांडा और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी प्रमुख चेहरों में शामिल थे, हाल ही में अल्जीरिया, सऊदी अरब, कुवैत और बहरीन की रणनीतिक विदेश यात्रा से लौट आया है। इस दौरे का उद्देश्य था: वैश्विक मंचों पर भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को उजागर करना और पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाना।


अल्जीरिया में पाकिस्तान पर तीखा हमला

अल्जीरिया में बैजयंत पांडा ने पाकिस्तान की नीतियों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वह परमाणु शक्ति का उपयोग आतंकवाद को ढकने के लिए करता रहा है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में अब भी संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित 52 आतंकवादी संगठन खुलेआम सक्रिय हैं।


ओवैसी का दो टूक: “पाकिस्तान विफल राष्ट्र”

बहरीन में ओवैसी ने पाकिस्तान को “विफल राष्ट्र” करार दिया और कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक क्षेत्रीय शांति असंभव है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत ने अब तक संयम दिखाया है, लेकिन अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराया जाए


कुवैत में झूठे प्रचार पर हमला

कुवैत में ओवैसी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 2019 के एक चीनी सैन्य अभ्यास की पुरानी तस्वीर को जीत बताकर दिखाना हास्यास्पद और शर्मनाक है


FATF में दोबारा डाले जाने की मांग

अल्जीरिया में ओवैसी ने पाकिस्तान को “तकफीरी आतंकवाद का केंद्र” बताया और कहा कि उसकी विचारधारा दाएश और अल-कायदा से मिलती है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में दोबारा शामिल किया जाए।


प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल था?

इस संसदीय प्रतिनिधिमंडल में बैजयंत पांडा, निशिकांत दुबे, फांगनोन कोन्याक, रेखा शर्मा, असदुद्दीन ओवैसी, सतनाम सिंह संधू, गुलाम नबी आजाद और पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला शामिल थे।


निष्कर्ष

भारत का यह वैश्विक मिशन स्पष्ट संकेत देता है कि अब वह केवल सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी आतंकवाद के खिलाफ मोर्चा लेगा। इस मिशन ने पाकिस्तान के दोहरे रवैये को उजागर करने के साथ-साथ भारत की वैश्विक कूटनीति में सख्ती का नया अध्याय भी जोड़ा है।

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