अलीपुरद्वार, पश्चिम बंगाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान 29 मई 2025 (गुरुवार) को राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला। अलीपुरद्वार में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि पश्चिम बंगाल में गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार को खुली छूट मिल गई है और आम जनता पूरी तरह से असुरक्षित महसूस कर रही है।
🗣️ “बंगाल में मची चीख-पुकार” – पीएम मोदी का हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने मुर्शिदाबाद और मालदा का उदाहरण देते हुए कहा,
“पश्चिम बंगाल में जो कुछ हुआ है, वह राज्य की टीएमसी सरकार की निर्ममता का उदाहरण है। यहां की जनता को अब सिस्टम पर विश्वास नहीं है। वे अब सिर्फ कोर्ट से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। पूरा बंगाल कह रहा है – ‘बंगाल में मची चीख-पुकार, नहीं चाहिए निर्मम सरकार’।”
⚠️ 5 संकटों का ज़िक्र, जो राज्य को घेरे हुए हैं:
पीएम मोदी ने राज्य को घेरे 5 प्रमुख संकटों की ओर ध्यान दिलाया:
हिंसा और अराजकता: समाज में फैलती अराजकता और राजनीतिक हिंसा
महिलाओं की असुरक्षा: जघन्य अपराधों में वृद्धि
बेरोजगारी: युवाओं में बढ़ती निराशा
भ्रष्टाचार: सरकारी तंत्र पर घटता विश्वास
गरीबों के अधिकारों का हनन: सत्ता में बैठे लोगों की स्वार्थी राजनीति
🏥 आयुष्मान भारत योजना को लेकर सवाल
प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया कि टीएमसी सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को राज्य में लागू नहीं होने दिया। उन्होंने कहा,
“देशभर में करोड़ों लोग इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल के लोग इससे वंचित हैं क्योंकि यहां की सरकार ने इसे ब्लॉक कर रखा है।”
🛠️ विश्वकर्मा योजना पर भी घेरा
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र की पीएम विश्वकर्मा योजना, जिसके तहत लोगों को स्किल ट्रेनिंग और आर्थिक मदद दी जाती है, उसमें भी 8 लाख आवेदनों को टीएमसी सरकार ने लटका रखा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की निष्क्रियता से गरीबों का विकास रुक गया है।
📚 शिक्षकों और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हजारों योग्य शिक्षकों का भविष्य बर्बाद कर दिया गया, और लाखों छात्रों को अंधेरे में धकेल दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी सरकार अपनी गलती स्वीकार नहीं करती और कोर्ट को ही दोष देती है।
🍵 चाय बागान मज़दूर भी नहीं बचे
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि चाय बागान में काम करने वाले मज़दूरों की कमाई पर डाका डाला जा रहा है और दोषियों को बचाया जा रहा है। यह गरीबों के हक को छीनने की राजनीति है।
🔚 निष्कर्ष
पीएम मोदी का यह भाषण ना सिर्फ़ ममता सरकार पर हमला था, बल्कि 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक एजेंडा सेट करने का प्रयास भी था। अब देखना यह है कि इस पर टीएमसी की प्रतिक्रिया क्या होती है।
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