June 14, 2025
राजा राम मोहन राय

एक मां को जलते देखा… और फिर बदल दिया पूरा भारत! यह है राजा राम मोहन राय की असली कहानी

राजा राम मोहन राय भारतीय नवजागरण के अग्रदूत, समाज सुधारक, विचारक और पत्रकार थे जिन्होंने भारतीय समाज में व्याप्त अनेक कुरीतियों के खिलाफ क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत की। उनका जन्म 22 मई 1772 को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक प्रतिष्ठित ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता रमाकांत राय एक परंपरावादी हिंदू थे, जबकि राम मोहन बचपन से ही तार्किक और आधुनिक सोच के व्यक्ति थे।

⚡ बचपन की घटना जिसने बदल दी सोच:

राजा राम मोहन राय के जीवन में एक निर्णायक मोड़ तब आया जब उन्होंने अपनी भाभी को सती होते हुए देखा। उस दर्दनाक दृश्य ने उनके बालमन को झकझोर कर रख दिया और तभी उन्होंने तय कर लिया कि वे समाज में व्याप्त ऐसी बर्बर प्रथाओं के खिलाफ लड़ेंगे।

📚 शिक्षा और विचारधारा:

उन्होंने संस्कृत, फारसी, अरबी, हिंदी और अंग्रेजी सहित कई भाषाओं का गहन अध्ययन किया। उन्होंने तर्क और विवेक पर आधारित विचारों को अपनाया। राम मोहन राय ने पश्चिमी शिक्षा और वैज्ञानिक सोच को भारतीय समाज में लाने का प्रयास किया।

🔥 समाज सुधार की दिशा में कदम:

  • सती प्रथा के खिलाफ आंदोलन: उन्होंने 1818 में इस अमानवीय प्रथा को समाप्त करने के लिए संघर्ष शुरू किया और 1829 में लॉर्ड विलियम बेंटिक की सहायता से इसे अवैध घोषित करवाया।

  • बाल विवाह और बहुपति प्रथा के विरोधी थे।

  • स्त्री शिक्षा और विधवा पुनर्विवाह के प्रबल समर्थक थे।

🕊️ ब्रह्म समाज की स्थापना:

राजा राम मोहन राय ने 1828 में ब्रह्म समाज की स्थापना की। इसका उद्देश्य था – एक ईश्वर की उपासना, अंधविश्वास का खंडन और जातिवाद का विरोध। यह संस्था बाद में भारतीय समाज में सामाजिक सुधार आंदोलनों की नींव बनी।

📰 पत्रकारिता और शिक्षा में योगदान:

  • उन्होंने ‘समाचार कौमुदी’ (बंगाली) और ‘मिरात-उल-अखबार’ (फारसी) नामक पत्रिकाएं निकालीं, जिनके माध्यम से वे सामाजिक और राजनीतिक चेतना फैलाते थे।

  • वे अंग्रेजी शिक्षा और आधुनिक विज्ञान के समर्थन में थे। उन्होंने स्कूल और कॉलेजों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

🇮🇳 अंतरराष्ट्रीय पहचान:

1831 में वे इंग्लैंड गए जहां उन्होंने भारत के हित में काम किया और ब्रिटिश संसद में भारतीयों के अधिकारों की बात उठाई। 27 सितंबर 1833 को ब्रिस्टल (इंग्लैंड) में उनका निधन हुआ।


🏆 उनकी विरासत:

राजा राम मोहन राय को सही मायनों में “आधुनिक भारत का जनक” कहा जाता है। उनके प्रयासों के बिना भारत का सामाजिक और बौद्धिक पुनर्जागरण अधूरा रहता।

About The Author