मीठी नदी घोटाला: शिवसेना ने आदित्य ठाकरे और डीनो मोरिया पर गंभीर आरोप लगाए
मुंबई: मुंबई की मीठी नदी से गाद निकालने के कथित 65 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर शिवसेना ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे और बॉलीवुड अभिनेता डीनो मोरिया पर बड़ा आरोप लगाया है। शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने दावा किया है कि दोनों करीबी दोस्त हैं और घोटाले में उनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए।
क्या है मामला?
पुलिस ने मुंबई से होकर बहने वाली मीठी नदी से गाद निकालने के लिए जारी ठेका और उससे जुड़े 65 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार के मामले में 13 ठेकेदारों और नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की है। आरोप है कि बीएमसी अधिकारियों ने एक खास मशीनरी आपूर्तिकर्ता को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा प्रक्रिया प्रभावित की।
संजय निरुपम के आरोप
संजय निरुपम ने कहा कि साल 2005 से लेकर अब तक लगभग 1200 करोड़ रुपये मीठी नदी की सफाई में खर्च किए गए हैं, जिसमें कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मामला दर्ज किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शिवसेना शासनकाल में, खासकर मातोश्री की अनुमति के बिना कोई भी ठेका नहीं दिया जाता था।
उन्होंने बताया कि उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे स्वयं ठेकों के लिए जिम्मेदार थे। साथ ही, फिल्म अभिनेता डीनो मोरिया का नाम भी जांच में सामने आया है, जिनके और आदित्य ठाकरे के करीबी संबंध हैं।
डीनो मोरिया का नाम जांच में
ईओडब्ल्यू ने डीनो मोरिया से पूछताछ की है। संजय निरुपम ने आरोप लगाया कि डीनो मोरिया को मुंबई में ओपन जिम खोलने का ठेका भी आदित्य ठाकरे ने दिया था। उन्होंने कहा कि दिशा सालियन मौत मामले में भी डीनो मोरिया और आदित्य ठाकरे पर आरोप लग चुके हैं।
बारिश और जलजमाव की जिम्मेदारी
संजय निरुपम ने 26 मई 2025 को मुंबई में हुई भारी बारिश और जलजमाव के लिए उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि जलजमाव को रोकने के लिए नाला सफाई और मीठी नदी की साफ-सफाई जरूरी है, लेकिन भ्रष्टाचार की वजह से यह काम ठीक से नहीं हो पा रहा है।
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