June 15, 2025

Akhilesh Yadav vs Mayawati BSP : मायावती के दावों पर सपा का करारा पलटवार

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के हालिया ट्वीट्स और उन पर लगाए गए आरोपों को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सपा के प्रवक्ता मनोज यादव ने कहा है कि जब भी दलितों, शोषितों और वंचितों पर अत्याचार होगा, समाजवादी पार्टी सबसे पहले उनके समर्थन में आवाज उठाएगी.

प्रवक्ता मनोज यादव ने मायावती द्वारा सपा पर दलितों को ‘उकसाने’ और ‘तनाव फैलाने’ जैसे लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से निराधार और झूठा करार दिया. उन्होंने कहा, ‘जो बातें मायावती ने कही हैं, वे सिर्फ भ्रम फैलाने के लिए हैं. समाजवादी पार्टी हमेशा दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के साथ खड़ी रही है. मायावती जी के आरोप सिर्फ सियासी डर और बौखलाहट का नतीजा हैं.’

मनोज यादव ने यह भी कहा कि हर राजनीतिक दल सभी वर्गों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करता है, तो अगर समाजवादी पार्टी भी दलितों को जोड़ने की कोशिश कर रही है, तो इसमें घबराने की जरूरत क्यों है?

सपा प्रवक्ता ने उठाए सवाल
सपा प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि मायावती जब सत्ता में थीं या अब भी जब दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं- जैसे हत्या, बलात्कार और भेदभाव की घटनाएं- तो वह चुप क्यों रहती हैं? उन्होंने कहा ‘उत्तर प्रदेश में दलित बहन-बेटियों के साथ हो रहे अत्याचार पर मायावती जी एक भी शब्द नहीं बोलतीं. जब जुल्म होगा तो सपा आवाज उठाएगी, यह हमारा धर्म है.’

गौरतलब है कि मायावती ने मंगलवार को एक के बाद एक ट्वीट कर सपा पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि सपा दलितों को आगे करके तनाव फैलाने और राजनीतिक स्वार्थ साधने का काम कर रही है. उन्होंने दलित, पिछड़े और मुस्लिम समाज से सपा के ‘बहकावे में न आने’ की अपील भी की थी.

बता दें कि यूपी की सियासत में दलित वोट बैंक एक निर्णायक भूमिका निभाता है. बीएसपी और सपा दोनों ही दल इस वर्ग को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटे हुए हैं, खासकर ऐसे समय में जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. मायावती और अखिलेश यादव की पार्टियों के बीच एक बार फिर जुबानी जंग तेज हो गई है, जिससे यह साफ है कि यूपी की राजनीति में दलित वोटों की अहमियत फिर से केंद्र में आ गई है.

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