June 15, 2025

मदरसों को अवैध बताकर तोड़ना गलत: मायावती का योगी सरकार पर तीखा हमला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने प्रदेश में मदरसों को अवैध घोषित कर उन्हें तोड़े जाने की कार्रवाई को “गैरज़रूरी और अनुचित” बताया है। इसके साथ ही मायावती ने सरकारी स्कूलों में भारी गिरावट आए दाखिलों को लेकर भी चिंता जताई है।

स्कूलों में दाखिले घटे, शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“उत्तर प्रदेश के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में वर्ष 2023-24 में 1.74 करोड़ छात्रों ने दाखिला लिया था, जो 2024-25 में घटकर 1.52 करोड़ रह गया। यह लगभग 22 लाख की गिरावट है, जो राज्य की सरकारी शिक्षा व्यवस्था की चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।”

उन्होंने सरकार से मांग की कि वह शिक्षा के महत्व को समझे और प्राथमिक शिक्षा की दुर्दशा को सुधारने की दिशा में ठोस कदम उठाए।

मदरसों पर कार्रवाई पर जताई आपत्ति

बसपा प्रमुख ने प्रदेश में अवैध मदरसों पर बुलडोजर चलाए जाने की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा,
“सस्ती और सुलभ निजी शिक्षा व्यवस्था के तहत चल रहे मदरसों के खिलाफ सरकार का यह रवैया सहयोगात्मक नहीं है। इन्हें अवैध बताकर बंद करना बुनियादी शिक्षा की ज़रूरत को और कमजोर करता है।”

उन्होंने सरकार से अपील की कि वह निजी मदरसों के प्रति अपना दृष्टिकोण बदले और शिक्षा को राजनीतिक विषय न बनाए।

‘गरीब बच्चों का भविष्य अंधकारमय’

मायावती ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में सरकारी स्कूलों की हालत अत्यंत दयनीय है, जिससे बहुजन और गरीब वर्गों के बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ता जा रहा है।
“स्कूलों को बंद करने की बजाय उन्हें प्रोत्साहित करना ज़रूरी है, ताकि हर वर्ग को समान शिक्षा का अवसर मिल सके,” उन्होंने कहा।

बॉर्डर जिलों में मदरसों पर कार्रवाई जारी

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के नेपाल सीमा से सटे जिलों — जैसे पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज — में कई मदरसों को अवैध बताकर गिराया गया है। प्रशासन ने इन पर कार्रवाई करते हुए उन्हें ध्वस्त कर दिया है।

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