June 14, 2025

Operation Sindoor: “अगर पाकिस्तान रुकेगा तो ही हम रुकेंगे” – विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बड़ा बयान

Operation Sindoor: “अगर पाकिस्तान रुकेगा तो ही हम रुकेंगे” – विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बड़ा बयान

नई दिल्ली।ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही तनातनी के बीच एक बार फिर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि भारत की नीति साफ और निर्णायक रही है — “अगर पाकिस्तान रुकेगा तो ही हम रुकेंगे।” उन्होंने यह बयान विदेश मामलों की कंसल्टेटिव कमिटी की मीटिंग में दिया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कथित मध्यस्थता बयान पर भी जवाब दिया गया।

📌 मुख्य बिंदु:

  • ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का स्पष्ट रुख: अगर पाकिस्तान रुकेगा तो ही हम रुकेंगे।

  • डोनाल्ड ट्रंप के दखल के दावे को भारत ने खारिज किया।

  • विदेश मंत्री ने कहा: सीजफायर DGMO की आपसी बातचीत से हुआ।

  • ऑपरेशन सिंदूर में सिर्फ आतंकी ठिकाने ही टारगेट किए गए।

  • मीडिया में बयानबाज़ी से बचने की अपील।


🇮🇳 “हमारा जवाब स्पष्ट था – फायर का जवाब फायर से”

जयशंकर ने कमेटी के सदस्यों को बताया कि जब अमेरिका समेत कई देशों ने भारत से पूछा कि सीमा पर क्या हो रहा है, तो भारत का जवाब था:

“अगर पाकिस्तान फायर करेगा, तो हम भी करेंगे। अगर वो रुकेगा, तभी हम रुकेंगे।”

उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तीसरे देश का इस संघर्ष में कोई हस्तक्षेप नहीं हुआ है, और भारत ने सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यही रुख अपनाया।


🕊️ सीजफायर पर ट्रंप के बयान का खंडन

डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया था कि अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया, जिस पर विपक्ष केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा है। जयशंकर ने इसे पूरी तरह असत्य बताया और कहा:

“सीजफायर दोनों देशों के DGMO की आपसी बातचीत से हुआ था, इसमें अमेरिका या किसी अन्य देश की कोई भूमिका नहीं थी।”


🎯 “हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया”

जयशंकर ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को टारगेट किया था। उन्होंने कहा कि जैसे ही ऑपरेशन खत्म हुआ, पाकिस्तान को सूचित किया गया कि यह एक आतंकवाद विरोधी कार्रवाई थी और इसका उद्देश्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना नहीं था।


📢 “मीडिया में न जाएं, सीधे सरकार से बात करें”

विदेश मंत्री ने यह भी अपील की कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर मीडिया में बयानबाज़ी से बचें:

“अगर किसी को जानकारी चाहिए तो सीधे सरकार से संपर्क करें। मीडिया में बयान देने से माहौल बिगड़ता है और पाकिस्तान को दुष्प्रचार का मौका मिलता है।”

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