उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने बस्ती में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान प्रशासन और बीजेपी दोनों पर जमकर निशाना साधा।
प्रोटोकॉल उल्लंघन पर नाराज हुए संजय निषाद
बस्ती के पंडित अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में आयोजित मत्स्य पालक मेला में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे संजय निषाद उस समय नाराज हो गए जब न तो उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया, और न ही कोई अधिकारी उन्हें रिसीव करने सर्किट हाउस पहुंचा।
नाराज मंत्री ने इसे प्रशासन की लापरवाही बताया और अधिकारियों को ‘बेलगाम’ कहकर फटकार लगाई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस तरह की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निषाद समाज के लिए आरक्षण, नौकरी और हिस्सेदारी की मांग
संजय निषाद ने इस मौके पर निषाद समुदाय के लिए आरक्षण, नौकरियों में भागीदारी और राजनीतिक हिस्सेदारी की पुरानी मांग को फिर से दोहराया। उन्होंने कहा,
“अगर योगी जी हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देंगे, तो वे सत्ता से बाहर हो जाएंगे।”
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि बीजेपी ने पहले ही 45 सीटें हारी हैं, और अगर निषाद समुदाय की अनदेखी जारी रही, तो आने वाले चुनाव में यह आंकड़ा और बढ़ेगा।
सरकार की योजनाओं का किया बखान, लेकिन जताई नाराजगी
हालांकि, संजय निषाद ने योगी सरकार की कुछ उपलब्धियों की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने मछुआरा समाज के लिए रोजगार और योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ दिया है।
लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि सिर्फ योजनाएं नहीं, निषाद समाज को सत्ता में भागीदारी चाहिए।
राजनीतिक सक्रियता की अपील
संजय निषाद ने निषाद समुदाय से आह्वान किया कि वे राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी विधानसभा चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है, और समाज के लोग आगे आकर चुनाव लड़ें।
उनके अनुसार, उत्तर प्रदेश में 14-15% वोट निषाद समाज का है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। संजय निषाद का यह बयान आने वाले चुनावों से पहले सियासी समीकरणों में बदलाव की ओर इशारा करता है।
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